Jabalpur News: शहर में ईद खुशियां बिखरी, रानीताल ईदगाह में बोले मुफ्ती-ए-आजम ; वक्फ के कानून में बदलाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

Jabalpur News: Eid happiness spread in the city, Mufti-e-Azam spoke at Ranital Idgah; Changes in the Waqf law will not be tolerated

Jabalpur News: शहर में ईद खुशियां बिखरी, रानीताल ईदगाह में बोले मुफ्ती-ए-आजम ; वक्फ के कानून में बदलाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
Jabalpur News: शहर में ईद खुशियां बिखरी, रानीताल ईदगाह में बोले मुफ्ती-ए-आजम ; वक्फ के कानून में बदलाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

आर्य समय संवाददाता,जबलपुर। इस्लाम धर्मावलम्बियों के पवित्र माह रमजान के बाद आज पूरे देश में ईद का त्यौहार मनाया जा रहा है। इसी क्रम में आज यहां भी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में ईद की खुशियां बिखरी हुई हैं। ईदगाहकलां रानीताल में मुसलमानों ने एक साथ सामूहिक रुप से ईद की नमाज अदा की।

इस अवसर पर मुफ्ती-ए-आजम मध्यप्रदेश मौलाना मुशाहिद रजा ने कहा इस्लाम वो मजहब है जिसने कैसे जीना है इस पर हर तरह से जानकारी दी है। प्रत्येक मुसलमान पर पांच वक्त की नमाज फर्ज है लेकिन बीमार, बुजुर्ग और महिलाओं, बच्चों को परिस्थति के अनुसार छूट भी है। मुसलमानों को तालीम हासिल करना चाहिए, बच्चों को मोबाइल से दूर करना चाहिए।

 मुफ्ती-ए-आजम ने आगे कहा कि हिंदुुस्तान की सरकार वक्फ कानून में जो बदलाव करना चाहती है उसे हम कतई मंजूर नहीं करेंगे क्योंकि बदलाव करने के पीछे का मकसद वक्फ की सम्पत्ति पर नजर गड़ाना है,इसलिए जंगल चले जाओ वहां बहुत सम्पत्ति है, वक्फ कानून में बदलाव की हम पुरजोर मुखालफत करेंगे। उन्होने आगे कहा कि कुरान-ए-अजीम इंसानियत की सच्ची राह दिखाने वाली आखिरी किताब है और हुजूर साहब के बाद नबूवत का दरवाजा बंद होे गया है।

उन्होने कहा कि जिन्होने भी इस्लाम को मिटाने की कोशिश की उनका ध्यान कर लें कि आज दुनिया में कहीं उनका नामलेवा नहीं है इसलिए आज भी जो यह प्रयास यह कर रहे हैं उन्हे इससे सबक ले लेना चाहिए। इसलिए कुदरत के कानून को ध्यान में रखें कि जिस पेड़ को जितना काटा जाता है वह उतना ही फिर हरा-भरा हो जाता है।

लाइन लगवा कर पैसा बांटना अपनी रईसी दिखाने का प्रयास है, जकात से गरीबों की मदद की जाती है। उन्होने कहा कि देश का मुसलमान हमेशा हुकूमत के साथ है इसलिए टैक्स चुकाईए। अपने बच्चों को दीनी तालीम दिलाईए। उन्होने कहा कि मुसलमान कभी गलत नारा नहीं लगाता है हमारे लिए एक ही नारा काफी है नारा-ए-तकबीर, लेकिन पता नहीं कुछ लोग कहां-कहां से नारे ढूंढ़ लाते हैं। इस्लाम हमेशा सबके साथ मिल कर जीना सिखाता है।